रविवार, 13 जून 2010

"वो" मान गई तो बात बन जाएगी.....


सेवा में, सभी अंकलजी , आंटीजी ! प्रणाम पकड़े, आर्शीर्वाद फैके! कल मैंने उपरोक्त पोस्ट "उसने मेरी हिंदी ज्ञाननी को ललकारा है -- पूरा विवरण पढ़कर मेरी मदद करे ! मेने आप लोगो से हेल्प मागी थी । उम्मीद के अनुरूप हिंदी ब्लॉग जगत के वरिष्ठतम लोगो ने दिल खोल दोनों हाथो से बाटना शुरू कर दिया.......साहयता ! मदद का सर्व प्रथम खत आया ----


नोयडा वाली आना आंटी,


सीमा गुप्ता आंटी ,



रचना आंटी


संगीता पूरी आंटी ,


समीर अंकल ,

Bharat अंकल ,

हंसराज बोकडिया अंकल ,

संजय अंकल ,

भारत सोनी अंकल ,

सभी ने कहा- "’संगणक"’ कहते हैं कम्प्यूटर को हिन्दी में! बहुतखूब ! अति सुंदर ! "वो" मान गई तो बात बन जाएगी..... और नही मानी तो आपको दोष नही दुगा ! अंकल, आंटी मुझे पत्ता है आपने सच्चे दिल से सही जानकारी दी है , परन्तु परीक्षा मे पास फ़ैल करने का अधिकार सामने वाले के पास है। पर आप अपने सम्पतिया (मुझे) को लेकर टेंशनईया नको.... आप सभी के प्यार के सामने ऐसी एक हजार मित्राणीया कुर्बान भाई .... फिर नई ढूढेंगे....कोनोही चिंता की बात नही !!

इस कम्प्यूटर से रिश्ते का इतना तो सिला देना,

संगणक से मोहब्बत की इस दिल को सजा देना

हम जाने कहाँ कैसे किस मोड़ पे खो जाएं,
मेरा भी पता लेना, अपना भी पता देना!!

मैरे गोलुमोलू, प्यारे समीर अंकल! मै आपके इस सवाल से घबडा गया हु -
"संगणक से काम बन जायेगा...मामला जम जायेगा..उस लड़की का नाम नहीं बताये जिसे लेकर इत्ता परेशान हो गये..मुझे तो तुम्हारे लक्षण ठीक नहीं दिख रहे बालक. :) नाना नानी के घर गये थे कि उनके पड़ोस में?? हा हा!!"
हा हा!!"हा हा!!"
अंकल !आपकी हा हा!!"- अटास पूर्ण हंसी से सहम - सा गया हु ! आप जो समझ रहे है - ऐसा वैसा कुछ नही है ! आपका यह बालक-भतीजा सम्पत, आप पर ही गया है . आपके नक्शे कदम पर हीचल रहा है. आप भरोसा रखे कोई उलटा पुल्टा काम नही करुगा !!!
समीर अंकल --
ग़मज़दा आँखों का पानी एक है,

और ज़ख़्मों की निशानी एक है

हम दुखों की दास्तां किससे कहें,

आपकी... मेरी कहानी एक है

एक अंतिम लाइन
(अंकलजी/आंटीजी ! यह सभी इधर-उधर से मारी हुई लाईने है -माफ़ करे)


एक मासूम मोहब्बत पे मचा है घमसान

दूर तक देख समंदर में उठा है तूफ़ान !

4 टिप्पणियाँ:

संजय @ मो सम कौन... ने कहा…

वैरी गुड स्पिरिट संपत,
जब जवाब सही है तो फ़ेल होने का क्या मतलब, और इतने लोगों का प्यार तुम्हारे साथ है, मित्राणी समझदार होगी तो खुद पास हो जायेगी।
लगे रहो संपत भाई।

13 जून 2010 को 6:39 pm बजे
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर !
नेट के रिश्ते
एक क्लिक में शुरू !
एक क्लिक में बन्द!

13 जून 2010 को 8:20 pm बजे
seema gupta ने कहा…

संपत जी अगर वो मान गयी तो हमे भी बताइयेगा....हा हा हा हा हा

regards

14 जून 2010 को 8:57 am बजे
SELECTION - COLLECTION SELECTION & COLLECTION ने कहा…

सीमा गुप्ता आंटीji, pl. NO संपत जी , ONLY संपत----

14 जून 2010 को 10:04 am बजे

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SELECTION-COLLECTION पर आपका हार्दिक स्वागत है जी!
SELECTION-COLLECTION पर आप पधारे इसलिऐ आपका शुक्रिया।
आप हमारे लिऐ अति-महत्वपुर्ण है।
आपके दो शब्द कमेन्ट के रुप मे मिल जाऐ तो हमे खुशी होगी।
आभार