पहेली -5, सही उत्तर-ज्ञानदत्त जी पांडे,विजेता बनी है- सीमा गुप्ताजी,
आपसे पहेली -5 में पूछा गया था की लंदन की आर्ट गैलेरी में तस्वीर कोनसे हिंदी ब्लोगर की है ?सही उत्तर था -
मानसिक हलचल के ज्ञानदत्त जी पांडे . इसमे सही उत्तर देकर सबसे पहले विजेता बनी है-कुछ लम्हे की मालकिन सीमाजी गुप्ताजी,
उसके बाद आए उडन-तस्तरी के मालिक श्री समीरलालजी
आप दोनों को
घणी - घणी बधाई .
अब देखते हैज्ञानदत्त जी पांडे की विभिन्न मुद्राओं में तस्वीर ........
पहेली का मूल मकसद है खेल-खेल में हमारे आदरणीय वरिष्ट ब्लोगरो के बारे में आमजन में जानकारी देना . किसी की भावना को दुख पहुचाना हम नहीं चाहते पर किसी को कोई आपति हो तो हमें सुचिता करे .
प्रथम विजेता
एक परिचय
9 टिप्पणियाँ:
वाह ये भी खुब रही आभार
9 सितंबर 2009 को 8:52 am बजेregards
आदरणीय समीर जी को बधाई...
9 सितंबर 2009 को 8:58 am बजेregards
ऐसा भी होता है क्या?हा हा हा हा बधाई सीमा जी को।
9 सितंबर 2009 को 11:13 am बजेसीमा जी और समीर जी दोनों को बधाई......
9 सितंबर 2009 को 2:19 pm बजेब्लाग का नाम "s" से(selection & collection)
पहेली का दिन "s" से(sunday)
विजेताओं के नाम "s" से(seema ji nd samir lal ji)
:)
आपके ब्लॉग पर आकर मजा और मौजा दोनों आ गयी...इतना सुन्दर ब्लॉग रचित किया है की यहाँ से और कहीं जाने का दिल ही नहीं करता...हमारा ब्लॉग तो श्वेत श्याम फिल्मों की तरह एक रस है लेकिन आपका तो गज़ब का रंगीन है जी और रंगीन ही नहीं रोचक भी है...बधाई..
9 सितंबर 2009 को 3:58 pm बजेनीरज
प्रथम बार आया हूँ देख कर बहुत अच्छा लगा,ब्लॉग बड़ा ही मनभावन है वाकई मौजा ही मौजा है,अब तक के सभी विजेताओं को बधाइयाँ ओर मंगलकामनाएं
16 सितंबर 2009 को 10:50 pm बजे.......अभिन्न
मेरा introduction मैं Dr. Sanjay Dani हूं दुर्ग छत्तीसगढ क निवासी हूं। ear-Nose-throat surgeon हूं। पिछ्ले 8 सालों से गज़ल लिख रहां हूं। 2 गज़ल संग्रह शाया हो चुकी है। पहली बार ब्लोग की दुनिया मे प्रवेश कर रहं हूं। बहुत inspiring लग रहा है। आपकी रचनायें सरसरी तौर से पढी अच्छी लगी ,बधाई व धन्यवाद। आपकी रच्नाओं के बारे में कुछ और कहने की कोशिश आगे करूंगा।
4 जून 2010 को 7:42 am बजे(अपनी चार पंक्तियां}
6 जून 2010 को 6:32 pm बजेआसमां से मेरी दुश्मनी नहीं है , मेरे घर मे मगर रौशनी नहीं है।
चांद को छत पे उतार आया हूं , साथ उसके मगर चांदनी नहीं है।
मैं खुदा बनने की कर रहा हूं कोशिश , मेरे अन्दर अभी आदमी नहीं है।
रोज़ करता हूं मंझधार की इबादत , साहिलों के लिये बन्दगी नहीं है।
और की ख्वाहिश मे भटक चुके हैं हम सब,जबकि हमको ज़रा भी कमी नहीं है।
Seema ji Ke blog ke dwara yahan tak pahuncha. Dhanaywad seema ji
24 मार्च 2011 को 3:29 pm बजेIs blog per aakar achcha laga. Badhai sweekar karen
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SELECTION-COLLECTION पर आपका हार्दिक स्वागत है जी!
SELECTION-COLLECTION पर आप पधारे इसलिऐ आपका शुक्रिया।
आप हमारे लिऐ अति-महत्वपुर्ण है।
आपके दो शब्द कमेन्ट के रुप मे मिल जाऐ तो हमे खुशी होगी।
आभार