प्रभु! इन्हें भी थोड़ी सदबुद्धि दो ताकि ये भी कुछ उपर निचे माया ग्रहण कर सके !!
हैलो प्रभु, कैसे हो ? शादी के तीन महीने बाद आज पहली दफा मन्दिर आई हु! सॉरी, दरअसल इतने दिनों तक अपने उन्ह पर रोब डालने में व्यस्त थी, पर देखो तुम्हे भूली नही . आज उन्हें घर पर कपड़े धोते छोडकर तुम्हारे दर्शन करने झट से चली आई !
लो, यह पांच रुपए एक आने का प्रसाद ग्रहण करो! मानती हु यह माया उनकी जेब से प्रस्तुत हुई है, पर इसमें मेरा कोई दोष नही ! यह तो हमारी वंशगत परम्परा है. माँ भी इसी तरह पिताजी क़ी जेब से यदाकदा पैसे निका लेती थी ! यह गोरव शाली परम्परा मुझे भी विरासत में मिली है. यू भी हम नारिया अपने पति क़ी अर्धांगीनी मानी जाती है इस नाते उनकी जेब पर भी हमारा हक बनता है के नही ...?
वैसे इस मामले में मेरे वो बड़े ही शरीफ है . वेतन मिलते ही सारे का सारा मेरे हाथ में धर देते है . हालांकि मै उनका ख्याल रखते हुए थोड़ा -थोड़ा पैसा उन्हें सही समय पर देती रहती हु . ज्यादा इसलिए नही देती कि कही जनाब बिगड़ न जाए . वैसे भी आजकल जमाना बड़ा खराब चल रहा है !
तुम्हारी कृपा से मुझे ऐसा भोला भाला पति , जी हजूरी करने वाला पति मिला, इसके लिए तुम्हारा शुक्रिया . ऐसे पति नासिबवालियो को ही मिलते है - प्रभु! हां , इन्हें खाना पकाना नही आता, पर मै हु न ! आजकल इन्हें रोटी बनाने क़ी ट्रेनिग दे रही हु ! इसमें निपुण हो जाए तो मुझे थोड़ा आराम मिले! धीरे - धीरे इन्हें नुडल्स , राजभोग , छेना, पाएसम तथा ओर भी बढिया व्यंजन बनाना सिखाउंगी ! आदमी को हर काम आना चाहिए ! क्या पता कब किसकी जरूरत पड़े !
तुमने मुझे तो सब कुछ दे दिया , चलो अब अपने उनके लिए कुछ मांगती हु ! वैसे तुमसे एक शिकायत है ! तुमने उन्हें आयकर विभाग में नोकरी दिला तो दी , पर इससे लाभ किया हुआ ? अभी तक किराये के मकान में है, जबकि वह शुक्ला जो इनके साथ है आलिशान बंगले में रहता है ओर उसकी पत्नी शुक्लाइन ! हुंह...! इम्पोर्टेड क्रीमे मुह पर पोत कर खुद को पता नही क्या समझती है ... देशी बंदरिया , विलायती चीखे !!
फिर भी एक बात तो है कि वह हर पार्टी में हर बार नई साडी पहनकर जाती है ! उसके गले में सोने का मोटा हार, कानो में झूलते बाले ! इधर मै हु जो जैसे तैसे बिंदी लिपस्टिक में गुजारा कर रही हु ! हे प्रभु! इन्हें भी थोड़ी सदबुद्धि दो ताकि ये भी कुछ उपर निचे माया ग्रहण कर सके !! अगर तुम्हारी कृपा हो गई तो मै दावे के साथ कहती हु कि अगली बार कार पर मन्दिर जाउंगी ओर तुम्हे ५१ रूपये एक आने क़ी बर्फी खिलाऊँगी !!!
हे प्रभु! मुझ पर एक कृपा ओर करना ! मेरे इस चाँद पर कभी किसी फिंजा क़ी छाया न पड़ने देना ! वैसे मै इन पर पूरी नजर रखती हु, लेकिन बात फिर वही क़ी जमाना खराब है ! इन्हें सम्भाले रखना , कंही इनके कदम फिसल ना जाए ! इनकी राह आफिस से घर ओर चाह सिर्फ मै रहू !!!!
वैसे भी सामने वाली छम्मो! कलमुही का ध्यान सारे वक्त इधर ही रहता है ! रोजना बहाने से घर में आ धमकती है -"आपके वो दिखाई नही दे रहे ? आपके वो ठीक तो है ? हमेशा उन्हें ही पूछती रहेगी , उन्ही को ढूढती फिरेगी ! वो मेरे वो तो मेरे है , मै चाहे उन्हें रसोई में बंद करके रखु या स्टोर में , उसे क्यों बताऊ ? अबकी बार आने दो , चुटिया न खीच दी तो मै भी बीवी नम्बर वन नही ! अच्छा प्रभु! अब चलती हु मै अपना वायदा याद रखूंगी , तुम अपना काम भूल न जाना !